छठी कक्षा के छात्र ने मां की साड़ी से फंदा लगाकर जान दी, चप्पल पसंद नहीं आने से था नाराज़।
परिजनों ने आशंका ज़ाहिर की है कि तंत्र क्रिया की वज़ह से उनका बालक जिद्दी हो गया था। पिछले कई दिनों से वह गुमसुम रहने लगा था। इतना ही नहीं परिवार वालों ने गांव की सीसीटीवी भी खंगाले, जिसमें एक महिला उनके घर के सामने तंत्र क्रिया का सामान रख कर जाती दिखाई दी। परिजनों का आरोप था कि उक्त महिला 2 साल से लगातार तंत्र क्रिया कर रही थी।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ )TV 9 भारत समाचार हल्दौर (उत्तर प्रदेश )।
पावटी निवासी रचित (12 वर्ष) अपने गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में स्कूल जाने से पहले नहीं चप्पल दिलाने की ज़िद की। पिता ने स्कूल से लौटकर आने के बाद चप्पल दिलाई। जो उसे पसंद नहीं आई।
हल्दौर थाना क्षेत्र के गांव पावटी निवासी संजय का बेटा रचित (12 वर्ष ) गांव के ही जूनियर हाई स्कूल में कक्षा 6 का छात्र था। बताया गया है कि रविवार सुबह गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में स्कूल जाने से पहले रचित ने जब नई चप्पल दिलाने की बात कही। जब रचित स्कूल से लौट कर आया तो उसके पिता उसे बाज़ार से चप्पल दिला लाएं।
परंतु घर लौटते ही चप्पल पसंद नहीं आने की बात कहते हुए चप्पल बदलने की ज़िद करने लगा। परिवार वालों ने कहा है कि रख दों, बाद में बदलवा देंगे। बताया गया है कि इसी बीच रचित ने कमरे में जाकर मां की साड़ी से फंदा खिड़की में लगाया और झूल गया। जिससे उसकी मौत हो गई।
पुलिस को जानकारी दिए बिना ही सोमवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
उधर, परिजनों ने आशंका ज़ाहिर की है कि तंत्र क्रिया की वज़ह से उनका बालक जिद्दी हो गया था। पिछले कई दिनों से वह गुमसुम रहने लगा था। इतना ही नहीं परिवार वालों ने गांव के सीसीटीवी भी खंगाले, जिसमें एक महिला उनके घर के सामने तंत्र क्रिया का सामान रखकर जाती दिखाई दी। परिजनों का आरोप था कि महिला 2 साल से तंत्र क्रिया लगातार कर रही थी। तंत्र क्रिया के प्रभाव में आने की वज़ह से ही रचित ने आत्महत्या कर ली।
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