BHU में करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप, हाई कोर्ट में दाखिल की गई याचिका, इस डेट को होंगी सुनवाई।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि ट्रामा सेंटर आईएमएस बीएचयू के प्रोफेसर डॉक्टर सौरभ सिंह व सर सुंदर लाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डीआर क गुप्ता ने अन्य अधिकारियों के साथ मिली भगत करके अपने रिश्तेदारों को अत्यधिक दरों पर टेंडर देकर भ्रष्टाचार किया है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार प्रयागराज।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर याचिका दाखिल की गई है। मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है। कोर्ट ने इस प्रकरण को जनहित याचिका के तौर पर लिस्ट करने का आदेश दिया है। याचिका विजय प्रकाश शुक्ला ने दाखिल की है।
अधिवक्ता विक्रांत पांडेय व रन विजय सिंह ने इस पर बहस की। न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने 10 मार्च को सुनवाई के लिए प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
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याचिका में आरोप लगाया है कि ट्राम सेंटर आईएमएस बीएचयू के प्रोफेसर डॉक्टर सौरभ सिंह, व सर सुंदर लाल अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर केके गुप्ता ने अन्य अधिकारियों के साथ मिली भगत करके अपने रिश्तेदारों को अत्यधिक दरों पर टेंडर देकर भ्रष्टाचार किया है।
इससे संस्थान को लगभग 1 हज़ार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। याचिका में सामानों की खरीदारी में भी घोटाला करने का आरोप लगाया गया है।
साथ ही यह भी कहा गया है कि 2020 और 21 में ऑडिट किया गया था। इसके बाद ही ऑडिटर रिपोर्ट विवि प्रशासन ने देने से इनकार कर दिया। प्रस्तुत ऑडिट रिपोर्ट के हवाले से प्रधानमंत्री करे फंड के तहत घटिया वेंटिलेटर खरीदने के बाद कही गई है। साथी यह भी कहा गया है कि एक निजी फर्म से 7.98 करोड रुपए की दवाइयों को खरीदा गया है। अन्य कई तरह के आरोप याचिका में लगाए गए हैं।
इसकी जांच कराने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, कुलपति व अन्य अधिकारियों को प्रत्यावेदन दिया गया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
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