भ्रष्टाचार के नए मामले में दर्ज FIR को निरस्त करने के लिए कार्ति चिंदबरम हाई कोर्ट पहुंचे।
फंड का ट्रांसफर करने का आरोप, एडवांटेज स्ट्रेटजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड का नियंत्रण कार्ति चिदंबरम और उनके सहयोगी स भास्कर रमण करते हैं। एफआईआर के मुताबिक, भारत में आयात शुल्क मुक्त शराब पर पूरा नियंत्रण इंडिया टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन का है। डिएगो समूह ने शराब पर रोक हटाने के लिए कार्ति चिदंबरम से संपर्क किया और 15 हजार अमेरिकी डॉलर एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग लिमिटेड को ट्रांसफर किया है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के पुत्र और सांसद कार्ति चिदंबरम को भ्रष्टाचार के एक नए मामले में दर्ज FIR को निरस्त करने की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। कार्ति चिदंबरम के ख़िलाफ़ दर्ज़ एफआईआर मुताबिक, शराब निर्माता कंपनी डिएगो स्कॉटलैंड और सीक्वोइया ने एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड को संदिग्ध रूप से फंड का ट्रांसफर करने का आरोप है।
इस मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को राहत देते हुए सीबीआई को निर्देश दिया था कि कार्ति चिदंबरम में गिरफ़्तार करने से पहले 3 दिन पहले नोटिस देगी। कार्ति चिदंबरम के ख़िलाफ़ दर्ज़ एफआईआर के मुताबिक शराब निर्माता कंपनी डिएगो स्कॉटलैंड और सीक्वोइया कैपिटल्स ने एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड को संदिग्ध रूप से फंड का ट्रांसफर किया।
एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड का नियंत्रण कार्ति चिदंबरम और उनके सहयोगी एस भास्कर रमण करते हैं। एफआईआर के मुताबिक भारत में आयात शुल्क मुक्त शराब पर पूरा नियंत्रण इंडिया टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (आईटीडीसी ) का है। आईटीडीसी डिएगो समूह के भारत में आयात शुल्क शराब पर रोक लगाकर रखी है। डिएगो समूह ने शराब पर रोक हटाने के लिए कार्ति चिदंबरम से संपर्क किया और 15 हजार अमेरिकी डॉलर एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर किया है। पैसे ट्रांसफर करने के लिए डिएगो स्कॉटलैंड ने कार्तिक की कंपनी से एक फर्जी करार किया।
विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर में कहा गया है कि कार्ति चिदंबरम को यह पैसे स्कॉटलैंड के शराब पर लगी रोक हटाने के लिए इसलिए दिया गया था, क्योंकि वह प्रभावशाली लोक सेवक है। यह रकम किसी कंसल्टेंसी कार्य के लिए नहीं दिए गए थे। एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी), 420, 471 और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 8,9 और 13(1) (d) के तहत दर्ज़ किया गया है।
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