भाजपा के 32 नेताओं की सुरक्षा हटाई गयी।
भाजपा नेता अभिजीत दास ने बारे में कहा कि मैं हरिद्वार में हूं, मुझे इस संबंध में कुछ नहीं पता। उन्होंने कहा कि मुझे अभी तक कोई संदेश नहीं मिला है। अभिजीत दास ने कहा कि यह एक रूटीन मामला है। हर 3 महीने में केंद्रीय गृह मंत्रालय इस बारे में एक सूची जारी करता है। उनके पास एक प्रोटोकॉल है। फिर से बस सुरक्षा प्रदान करते हैं। अभिजीत ने कहा कि उन्होंने पिछले 6.5 साल में कई बार ऐसा देखा है। उन्होंने कहा कि अभी तक कुछ दिन पहले 20 लोगों के नाम वाली सूची आई थी, फिर से कई लोगों को सुरक्षा दी गई थी।
मुकेश कुमार ( क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के 32 नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली है। इस बारे में गृह मंत्रालय की समीक्षा समिति ने सूची जारी की है। जिसमें पिछले साल के लोकसभा चुनाव में हारने वाले कुछ भाजपा नेताओं के नाम शामिल हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉन बारला के अलावा, पूर्व सांसद तिर्की, भाजपा नेता शंकुदेव पांडा और पूर्व आईपीएस अधिकारी देवाशीष धर सुरक्षा हटाए जाने वाले 32 लोगों की सूची में शामिल है।
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इसमें टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी से पराजित डायमंड हर्बल लोकसभा क्षेत्र की उम्मीदवार अभिजीत दास के अलावा डायमंड हर्बल के पूर्व विधायक दीपक हलदर, लोकसभा चुनाव में भाजपा की बोलपुर उम्मीदवार प्रिया साहा और जंगीपुर लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार धनंजय घोष के नाम भी सूची में शामिल हैं।
मुझे कोई संदेश नहीं मिला – अभिजीत दास………….
भाजपा नेता अभिजीत दास ने इस बारे में कहा है कि मैं हरिद्वार में हूं, मुझे इस संबंध में कुछ नहीं पता। उन्होंने कहा कि मुझे अभी तक कोई संदेश नहीं मिला है। अभिजीत दास ने कहा कि यह एक रूटीन मामला है, हर 3 महीने में केंद्रीय गृह मंत्रालय इस बारे में एक सूची जारी करता है। उनके पास एक प्रोटोकॉल है। फिर से वे सुरक्षा प्रदान करते हैं। अभिजीत ने कहा कि उन्होंने पिछले 6.5 साल में कई बार ऐसा दिखा है। उन्होंने कहा कि अभी पहले 20 लोगों के नाम वाली सूची आई थी। फिर ऐसे कई लोगों को सुरक्षा दी गई थी।
भाजपा सांसद समिक भट्टाचार्य ने क्या कहा?………
इस मामले पर भाजपा सांसद और राज्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा है कि यह नियमित है। उन्होंने कहा कि यह है केंद्र तय करता है कि किसको और कब सुरक्षा देने की जरूरत है? और उसी के मुताबिक सुरक्षा दी जाती है। भट्टाचार्य ने कहा कि उस समय गृह मंत्रालय को लगा होंगा कि इन नेताओं को सुरक्षा देने की जरूरत है। इसमें राजनीति करने जैसा कुछ भी नहीं हैं।
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