बारिश से फसले हुई तबाह, सीएम मोहन यादव के इमरजेंसी मीटिंग

मध्य प्रदेश में मिलेगी राहत राशि, बारिश से तबाह फसलों का सर्वे हुए शुरू।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV9 भारत समाचार भोपाल (मध्य प्रदेश)। इस साल मानसून ने मध्य प्रदेश के कई जिलों में तबाही मचाई है। पिछले एक सप्ताह से अधिकांश जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई। खासकर ग्वालियर, चंबल के जिलों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। अब किसान मुआवजे के लिए सरकार की ओर टकटकि लगाए बैठे हैं।

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किसानों का कहना है कि अगर मुआवजा नहीं मिला तो अगली फसल तो बहुत दूर की बात है खाने के लाले पड़ जाएंगे। क्योंकि फसले पानी में डूब कर समां गई है। पूरी लागत पानी में समा गई है। किसानो की समस्या को देखते हुए सीएम मोहन यादव सक्रिय हैं।  कैबिनेट में भी फसलों की तबाही के मुद्दे पर चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रभारी मंत्रियों से इस बारे में चर्चा की, इसके बाद सभी कलेक्टरों को फसलों के नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिये। सीएम का आदेश पाते ही कलेक्टर ने राजस्व अमले को फील्ड में उतार दिया है। फसलों के नुकसान का सर्वे कई जिलों में शुरू कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री का साफ कहना है कि जल्द से जल्द सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू करें । मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को यह भी निर्देश दिया है कि बाढ़ के कारण जहां जन हानि व धन हानि हुई है। उसकी भी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें। अगर जनहानि हुई है तो पीड़ित परिजनो को चार लाख रुपये राहत राशि प्रदान की जाए।

बता दें कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण हुए नुकसान के आकलन के लिए शुक्रवार को आपात बैठक बुलाई और राहत कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए।  अधिकारियों से कहा गया की बारिश के आसार 30 सितंबर तक है। इसे देखते हुए सभी अधिकारीयों और कर्मचारियों की छुट्टी निरस्त की जाए। राहत कार्यो में कोई भी कोताही सहन नहीं की जायेगी।

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