बहन मायावती ने लखनऊ में बाबा साहब अंबेडकर के नाम से पार्क बनवाया।

लोग बताते हैं कि इस कृत्रिम झील की वज़ह से उनके घरों जो लगभग 5 मीटर दूरी पर है और ज़मीन से अच्छी खासी ऊंचाई पर है वहां मच्छर पहुंच जाते हैं। अब उन्हें कहीं मच्छर न काट ले इसलिए सालों से यह झील सूखी हुई है। इस पार्क में जब भी जेल के सामने से गुजरता हूं, तो सोचता हूं क्या दोबारा झील में कभी पानी भर जाएगा....?

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार लखनऊ ।

बहन मायावती ने लखनऊ में बाबा साहेब अंबेडकर के नाम से पार्क बनवाया, सत्ता से एक डेढ़ दशक से ज़्यादा दूर है, लेकिन आज तक मुझे अंबेडकर पार्क के स्वरूप के साथ छेड़छाड़ करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया।

जिस पार्क को प्रखर समाजवादी डॉ राम मनोहर लोहिया की स्मृति में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सजाया, संवारा, उस पार्क की लबालब भरी हुई झील पिछले 7 और 8 सालों से आख़िर क्यों सूखी पड़ी हैं।

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कारण भी जानकर आप हैरान रह जाएंगे। सूबे को चलाने वाले असल राजा और महाराजाओं के निवास का स्थान इस पार्क के बगल में है। लोग बताते हैं कि इस कृत्रिम झीलों की वज़ह से उनके घरों जो लगभग 5 मीटर दूरी पर है और ज़मीन से अच्छी खासी ऊंचाई पर है।

वह मच्छर पहुंच जाते हैं, अब उन्हें कहीं मच्छर न काट लें इसलिए सालों से यह झील सूखी हुई है। इस पार्क में जब भी इस झील के सामने से गुजरता हूं तो यह सोचता हूं कि क्या दोबारा इस झील में कभी पानी भर जाएंगा।

सोचता हूं कि सीएस आईं टावर में आखिर वह कौन से मुनी अगस्त्य हैं? जिन्होंने इस झील का सारा पानी समुद्र की तरह पी लिया होंगा?

क्या भविष्य में जब दोबारा कभी यह झील पानी से भरेंगी, तो इसका पानी भी खारा होगा या इस झील को भी ऐसे ही सूखे रहना होंगा? पता नहीं पर यह सवाल कई सालों से दिमाग में घूम रहा है कि चारों तरफ हरियाली से हरे भरे पार्क की यह झील आख़िर सूखी क्यों है?

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