बच्ची के दुष्कर्म के बाद हत्या के दोषी को आजीवन कारावास, बाराबंकी पॉक्सो कोर्ट का फैसला।
सफदरगंज थाना इलाके के एक गांव में 30 और 31 मई की रात 12:00 बजे 6 वर्षीय बच्ची को रात में घर से उठा कर ले जाकर गांव के बाहर बच्ची की हत्या कर दी गई। 12:15 बजे रात में ही जब बच्ची की मां जगी तब देखा कि बच्ची नहीं है। पास में बच्ची ना होने पर घर में कोहराम मच गया।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार बाराबंकी (उत्तर प्रदेश )।
साल 2021 में 6 वर्ष की मासूम बच्ची को घर से उठाकर उसके साथ बर्बरता पूर्वक दुष्कर्म करने और उसकी निर्ममता से हत्या कर शव को तालाब में फेंक दिए जाने की सनसनीखेज घटना सामने आई थी।
घटना के क़रीब 4 साल बाद बाराबंकी की पोक्सो कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास और 1.50 लाख रुपए जुर्माने की सज़ा सनाई है। यह फैसला मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश और विशेष न्यायाधीश पोक्सो कोर्ट संख्या 45 संख्या प्रकाश शुक्ल ने बताया।
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सफदरगंज थाना इलाके के गांव मैं 30 और 31 में की रात 12:00 बजे 06 वर्षीय बच्ची को घर से उठाकर ले जाकर गांव के बाहर बच्ची की हत्या कर दी गई। जब मां नींद से जगी तो, बच्ची को पास न पाकर बच्चों की तलाश की गई, बच्ची के न होने पर घर में कोहराम मच गया। घर से रोने चिल्लाने की आवाज सुनकर बाहर मोहल्ले के लोग भी आ गए और सभी लोग मिलकर बच्ची को गांव में ढूंढने लगे।
बच्ची के गांव में ना मिलने पर लोगों ने गांव के बाहर ढूंढना शुरू किया। रात करीब 2:30 बजे गांव से बाहर लगभग 500 मीटर की दूरी पर एक तालाब में लाश पड़ी मिली। घटना पर पीड़ित के पिता ने अजय कुमार पर लड़की की हत्या करने का मुक़दमा दर्ज़ कराते हुए आरोप लगाया है कि अजय कुमार से पहले काफी झगड़ा हुआ था। तब अजय ने कहा था कि हम तुमको बर्बाद कर डालेंगे।
पुलिस ने मुक़दमा दर्ज़ कर 2 जून 2021 को आरोपी अजय को गिरफ़्तार कर लिया। तत्कालीन विवेचन की ओर से वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए विवेचना शुरू की। साक्ष्य संकलित कर आरोपी अजय कुमार के ख़िलाफ़ धारा 302, 376 आईपीसी और धारा 5/6 पोक्सो एक्ट के तहत महज़ 25 दिवस में कोर्ट में चार्ट शीट दाख़िल कर दी गई।
अभियोजन ने इस मामले में ठोस गवाह पेश किए। अभियोजन और बचाव पक्ष की ओर से पेश किए गए गवाहों की गवाही और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश और विशेष न्यायाधीश पोक्सो ज्ञान प्रकाश शुक्ला ने आरोपी अजय कुमार को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास और डेढ़ लाख रुपये जुर्माने की सज़ा सुना दी।
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