बाप-बेटे ने मिलकर बच्चे की चाकू घोंपकर कर दी थी हत्या, 16 साल बाद एक दोषी को आजीवन कारावास।

पुलिस ने पीड़ित पिता की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू की। पुलिस जांच में पता चला है कि अश्वनी कुमार ने मासूम राघवेंद्र नारायण की चाकू से घोंपकर हत्या कर दी है। दो आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए उनकी निशान देही पर शव बरामद किया गया था।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार कौशांबी (उत्तर प्रदेश )।

जिले में करीब 16 साल पहले हुई मासूम बच्चे की हत्या मामले में जिला कोर्ट ने फैसला सुनाया है। अपर सत्र न्यायाधीश ने मासूम की हत्या के आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है। दोषी पर ₹19,000 रुपए का अर्थ दंड भी लगाया गया है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, मंझनपुर थाना क्षेत्र के कादीपुर गांव में बच्चे की हत्या की गई थी। कादीपुर गांव के रहने वाले लक्ष्मी नारायण 19 मई 2008 को मंझनपुर थाने में शिकायती पत्र देते हुए बताया है कि गांव के रहने वाले अश्वनी कुमार अपने बेटे के साथ मिलकर बेटे राघवेंद्र नारायण को 19 मई की सुबह आम तोड़ने के बहाने से बुलाकर ले गए। देर शाम हो जाने के बावजूद भी बेटा वापस नहीं आया। जब उन्होंने अश्विनी कुमार से पूछताछ की तो वह कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया था।

मंझनपुर पुलिस ने पीड़ित पिता की तहरीर के आधार पर मुक़दमा दर्ज़ कर मामले की छानबीन शुरू की गई। पुलिस जांच में पता चला है कि अश्वनी कुमार ने राघवेंद्र नारायण की चाकू से घोंपकर हत्या कर दी है। दो आरोपियों को गिरफ़्तार करते हुए उनकी निशान देही पर शव बरामद किया गया था। इस मामले में मंझनपुर पुलिस ने अश्वनी कुमार और उसके नाबालिक बेटे के ख़िलाफ़ चार्ट शीट न्यायालय में दाख़िल किया। मामला अपर सत्र न्यायाधीश आभा पाल की अदालत में पेश हुआ है।

शासकीय अधिवक्ता अनिल कुमार चौधरी ने इस मामले में 15 गवाहों की गवाही न्यायालय में करवाया है। अपर सत्र न्यायाधीश आभा पांडे गुरुवार को गवाहों को सुनने और पत्रावली के अवलोकन के बाद अश्वनी कुमार को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है। इसके बाद ही दोषी पर ₹19,000 का अर्थ दंड से भी दंडित किया गया है। अश्विनी कुमार का बेटा नाबालिक होने की वज़ह से उसकी पत्रावली बाल न्यायालय में भेज दिया गया है।

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