फोन पर फर्जी तरीके से काम कराने के बहाने पैसे की वसूली इत्यादि अवैध कारनामें के शातिर 2अभियुक्त गिरफ्तार
फोन पर फर्जी ओएसडी,मन्त्री के पीए,डिजीपी के पीए, किन्नर समाज का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनकर काम कराने के बहाने पैसे की वसूली करना तथा उच्चाधिकारीगण व थाने पर फोन करके धमकी व गाली देने के आरोप में 02 अभियुक्त गिरफ्तार
दिनेश चंद्र मिश्र,गोरखपुर। पुलिस के हाथ एक बड़ा जालसाज लगा है। वह कभी सीएम का ओएसडी तो कभी खुद मंत्री या फिर पीए बनकर आम लोगों से काम कराने के नाम पर ठगी करता था। पुलिस ने आरोपी को साथी संग बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी काम कराने के लिए अफसरों को फोन कर काम करने का दबाव बनाता था।
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वहीं थाना अध्यक्ष को फोन कर खरी-खोटी तक सुना देता था। गोरखपुर एसएसपी के पीए और फिर उनसे दर्जा प्राप्त मंत्री बनकर पिपराइच के एक मामले में दबाव बनाने के साथ ही उसने झंगहा एसओ को फोन पर निलंबित कराने की चेतावनी तक दे डाली थी। झंगहा थानेदार ने इस मामले में केस दर्ज कराया और जांच की गई तो मामला खुलकर सामने आया है।
जांच में सामने आया है कि इसका पैन कार्ड पुणे के पते पर है तो आधार कार्ड बलिया के पते पर है। खुद चार अलग-अलग नाम से पहचान पत्र बनवाने वाला चंदन समय पड़ने पर किन्नर चांदनी बनकर भी ठगी करता था। पकड़ा गया चंदन उर्फ चांदनी, किन्नर पुष्पा मूलरूप से बलिया के रसड़ा थाना क्षेत्र के छितौनी गांव का निवासी है। जबकि, इसका साथी देवरिया के गौरीबाजार के देवतहा गांव का रहने वाला अशोक यादव है। चांदनी उर्फ चन्दन पुत्र गुलाब निवासी छितौनी थाना रसडा जिला बलिया और अशोक यादव पुत्र दीनानाथ यादव निवासी देवतहा थाना गौरीबाजार जनपद देवरिया द्वारा कई मोबाइल नंबरों से थाना झंगहा के CUG मोबाइल नंबर व 9415875713 पर सुरेन्द्र यादव पुत्र जमुना यादव तथा गुलाब यादव पुत्र स्व0 रामदरश के जमीन विवाद के सम्बन्ध में बात के दौरान अपशब्द, गाली गलौज, आरोप प्रत्यारोप तथा ट्रान्सफर कराने व देखलेने की धमकी देने के सम्बन्ध में थाना स्थानीय पर विभिन्न धाराओं में मु0 पंजीकृत किया गया ।
अपराध करने का तरीका
अभियुक्त चांदनी उर्फ चन्दन उर्फ पुष्पा किन्नर आर्थिक लाभ के लिए मोबाइल फोन से अपने आपको किन्नर समाज का अध्यक्ष, डीजीपी महोदय का पीए, मा0 मन्त्री रसद विभाग का पीए, मा0 माध्यमिक शिक्षा परिषद का पीए, मा0 मुख्यमन्त्री जी का ओएसडी बताकर उन्हे नौकरी ट्रान्सफर, विवादित जमीन से संबंधित कार्य आदि को कराने के लिए जनपद के डीसीआर को फोन करके संबंधित थाना से वार्ता करते हुए नियुक्ति रजिस्टर से थानाध्यक्ष का पूरा डिटेल नोट करना और उसको दबाव में लेने के लिए उसका ट्रान्सफर आदि कराने की धमकी देकर काम कराना तथा राजस्व विभाग का मोबाइल नंबर नेट से निकाल कर फोन कर दबाव डालकर संबंधित कार्य वाले व्यक्ति को यह दिखाते हुए कि मै तुम्हारा काम करवा रहा हूँ । तुम मुझे मेरे खाते मे पैसे भेज दो । इस तरह से कार्य करता था तथा अपने साथ रखे हुए व्यक्तियों को भी सिखलाकर उनसे भी फोन कराता था स्वयं दो से तीन आवाज निकाल कर कई मोबाइल नंबरो से बात करता था नंबर ट्रूकॉलर पर सचिवालय, मन्त्री, पुलिस, डीजीपी कार्यालय आदि लिखकर आता था जिससे जो व्यक्ति बात करता था वह पहली बार मे उन्हे वही समझता था ।
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